गया बिहार
संवाददाता अशोक शर्मा
मध्य-दक्षिण बिहार के कृषि क्षेत्र में वृद्धि करने तथा कृषि अनुसंधान हेतु मगध प्रमंडल जिले के फतेहपुर प्रखंड के लोधवे-कांटी गांव में मगध विश्वविद्यालय के 200 एकड़ परती भूमि पर तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री चतुरानन मिश्रा ने वर्ष 1988 में शिलान्यास किया था। बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह मगध कृषि विश्वविद्यालय सहशोध केंद्र निर्माण कराओ संघर्ष समिति के संयोजक प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार, मोहम्मद शमीम आलम, अरविंद कुमार, विपिन बिहारी सिन्हा, बालमुकुंद पांडेय, पंकज कुमार पंकज, बुलंद अख्तर आदि ने कहा कि मगध कृषि विश्वविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र के शिलान्यास के 36 साल बीत जाने के बाद भी बिहार सरकार की अनदेखी के कारण अभी तक स्थापना एवं निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। होने से मध्य-दक्षिण बिहार के किसान, व्यापारी, छात्र भयानक रूप से प्रभावित हुए हैं।
नेताओं ने कहा कि संघर्ष समिति विगत 36 वर्षों से लगातार धरना-प्रदर्शन कर केन्द्र एवं राज्य नेताओं को ज्ञापन देने का काम कर रही है।
ज्ञापन देने के बाद वर्ष 2006 में तत्कालीन केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री व वर्तमान में बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने संघर्ष समिति को ज्ञापन देकर कहा था कि किसी भी राज्य में राज्य स्तरीय विश्वविद्यालय गठित करने के लिए सबसे पहले राज्य सरकार को निर्णय लेना होगा। लेना होता है, जो अभी तक बिहार सरकार द्वारा नहीं लिया गया है।
नेताओं ने कहा कि फतेहपुर जिले के लोधवे में, कांटी में मगध विश्वविद्यालय के नाम पर 200 एकड़ जमीन बुधौली महंत नवादा के पूर्व सांसद सूर्य प्रकाश पूरी ने दान कर दी थी, जिसका आज कुछ हिस्सा परती तथा कुछ इंतजाम एवं क़ब्ज़ा है।
नेताओं ने कहा कि 01 अगस्त 2024 को फतेहपुर प्रखंड के लोधवे-कांटी में विशाल धरना-प्रदर्शन का आयोजन कर केंद्रीय कृषि मंत्री एवं मुख्यमंत्री बिहार को विस्तृत ज्ञापन भेजा जाएगा।
नेताओं ने कहा कि स्थानीय स्तर पर फतेहपुर प्रखंड कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बालमुकुंद पांडे, पंकज कुमार पंकज, बुलंद अख्तर, अरविंद कुमार, नरेंद्र सिंह को धरना-प्रदर्शन की तैयारी की जिम्मेवारी दी गई है।