मानव तस्कारों के चंगुल से एक लड़की को आई एच आर सी सी फोरम के सदस्यों द्वारा रेस्क्यू किया गया।

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आपको बताते चलें हम सिवान जंक्शन से एक लड़की को बहला फुसला कर किसी महिला के द्वारा हाजीपुर होते हुये बंगाल ले जाकर उत्तर दिनाजपुर जिले के इस्लामपुर में उसे किसी परवेज नाम के आदमी के पास बेच दिया गया। महिला द्वारा लड़की को कुछ नशीली पदार्थ सुंघा कर उसकी मानसिक स्थिति अनियंत्रित कर दिया गया, जिसकी वजह से लड़की किसी तरह का विरोध नही कर सकी। बंगाल के इस्लामपुर में जब लड़की पुरी तरह से होश में आयी तो पहले से वहां रह रहे किसी लड़़की से पता चला की तुमको बेच दिया गया। तब उस लड़की को वहाँ चार पांच दिन रखने के बाद उसे कहा गया की चलो, यहाँ तुम्हारे गांव के किसी व्यक्ति ने तुम्हे देख लिया है। फिर उस लड़की को इस्लामपुर से लेकर उसी जिले के पंजीपारा के गोलपोखर के रेड लाइट एरिया में किसी मुन्ना नाम के व्यक्ति के यहाँ उस लड़की को बेच दिया गया, जहाँ मुन्ना के द्वारा देह व्यापार का धंधा किया जाता है। यह बात वहां के स्थानीय लोगों ने भी बताया।
जब वह लड़की किसी तरह से उस एरिया से निकलकर भागी तो उसके पीछे पीछे मुन्ना और उसकी पत्नी लड़की का पीछा करने लगे। उसी दरमियान आई एच आर सी सी फोरम के उत्तर दिनाजपुर के सदस्यों द्वारा लड़की को रोका गया और पूछने पर पता चला की उसे बेच दिया गया है, और कुछ लोग उसका पीछा कर रहे है। उसके बाद फोरम के सदस्यों द्वारा तुरंत एक्शन लेते हुए उक्त व्यक्ति जो पीछा कर रहे थे उसको पकड़ने का प्रयास किया गया मगर वे लोग भीड़ का फायदा उठा कर भाग गये।

उसके बाद आई एच आर सी सी फोरम ( अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार सह अपराध नियंत्रण मंच) के सदस्य उसे अपने पास लाये, लड़की की उम्र करीब चौदह पंद्रह वर्ष के करीब है, उससे पूछने पर पता चला की लड़की बिहार के सिवान जिले की हुसैनगंज एरिया की रहने वाली है। फोरम के सदस्यों द्वारा लड़की को अच्छे से रखा गया और उसके माता – पिता को फोन कर सूचना दिया गया जिसके बाद उसके माता पिता आये और लड़की को सुरक्षित देख काफी खुश हुए। वे लोग लड़की को काफी ढूंढ रहे थे।

*लड़की के पिता का बयान:* लड़की गुस्से में 28 जून को ही घर से निकली थी उसके बाद लापता हो गयी। फिर मुझको गांव के ही किसी लड़के पर शक हुआ की शायद कही वो तो बहला फुसला कर ले तो नही गया, तो इस शक में मैने उस पर केस किया । स्थानीय थाना द्वारा कोई भी कार्यवाई नही किया गया, फिर मैं दुबारा थाना गया, जहाँ मैने छह हजार रुपये पुलिस को दिया उसके बाद पुलिस आई और उस लड़के को ले गई फिर कुछ देर बाद उसको छोड़ दिया गया। उसके बाद 11 जुलाई को आई एच आर सी सी फोरम के सदस्यों द्वारा फोन आया, जिसमे बताया गया की आपकी बेटी पश्चिम बंगाल की उत्तर दिनाजपुर के पंजीपारा में है, जिसको बेच दिया गया था ये अब हमलोग के पास सुरक्षित है, आकर इसे ले जाइये। फिर मैं पंजीपारा आया और अपनी बेटी को सुरक्षित देखा और अब इसे घर ले जा रहे है। हमारे लिए आई एच आर सी सी फोरम के सदस्यों ने जो किया है उसका एहसान हम जीवन भर नही भूलेंगे। इनलोगों ने भगवान की तरह मेरी बेटी की रक्षा किये और इसे उस नर्क से बचाएं। हमलोग गरीब आदमी है, किसी से केस मुकदमा लड़ने में सक्षम नही है। आप लोग ही ऐसे लोगों को समाज से निकालिए और इनलोगों पर कार्रवाई करें।”

लड़की के पिता के इस तरह के बयान से साफ स्पष्ट होता है की ऐसी घटना आये दिन घटित होते रहती पर असमर्थता की वजह कई लोग चुप रह जाते हैं और अपराधियों का मनोबल बढ़ता रहता है। ऐसे कई माध्यम से मानव तस्करी का काम जोरो पर है और स्थानीय प्रशासन की चुप्पी और असमर्थता की वजह से ऐसी घटनाये आये दिन हो रही है। जरूरत है आई एच आर सी सी फोरम की सदस्यों की तरह काम करने की और ऐसे लोगो को आगे बढ़कर ऐसे अपराधियों और समाज में छिपे दरिंदे लोगो के खिलाफ कड़ी एक्शन लेने की जिससे समाज में आम लोगों को सुविधा हो और अपना जीवन जी सके।

आप भी सजग रहें, सावधान रहें , और आई एच आर सी सी फोरम जैसे लोगों के लिए हमेशा साथ रहें ताकि आपका आवाज़ ऊपर तक पहुंचाया जा सके।