गया बिहार
संवाददाता – अशोक शर्मा।
बिहार से झारखंड के विभाजन के उपरांत पूर्व की एकीकृत बिहार के तर्ज़ पर रांची की तरह गया व्यवहार न्यायालय में पटना उच्च न्यायालय का बेंच स्थापित करने तथा अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज को एम्स की तरह विकसित करने की मांग सन 2000 यानी 24 वर्षो से मध्य- दक्षिण बिहार के जनमानस करते आ रहे हैं।
बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष युगल किशोर सिंह, राम प्रमोद सिंह, प्रद्युम्न दुबे, दामोदर गोस्वामी, शिव कुमार चौरसिया, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, युवा कॉंग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार, मोहम्मद शमीम आलम, मोहम्मद समद, रूपेश चौधरी, उज्ज्वल कुमार आदि ने कहा कि बिहार की राजधानी पटना के बाद मध्य- दक्षिण बिहार के 16 जिला के सबसे महत्त्वपूर्ण अति प्राचीन अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विश्व पर्यटन मानचित्र पर अपना स्थान रखने वाला गया शहर स्थिति व्यवहार न्यायालय में पटना हाईकोर्ट का बेंच स्थापित करने तथा अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल को एम्स के तर्ज़ पर विकसित करने से बिहार राज्य के लगभग 40 % आबादी को काफी सुविधा होगी।
नेताओं ने कहा कि गया- बोधगया देश, विदेश के लाखो, लाख लोग प्रतिवर्ष विश्व प्रसिद्ध विष्णु पद मंदिर दर्शन करने, पिंडदान करने, महाबोधि मंदिर बोधगया दर्शन करने एवं घूमने आते है , जिसे सुविधा हेतु एम्स के तर्ज़ पर विकसित एक हॉस्पिटल की नितांत आवश्यकता है।
नेताओं ने कहा कि गया स्थित अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में मध्य- दक्षिण बिहार के साथ-साथ झारखंड के चतरा, पलामू जिला के भी अधिकांश लोग नित्य दिन इलाज कराने आते हैं, गया शहर जी टी रोड, ग्रांड कोड रेल्वे लाइन, तथा अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से भी जुड़े होने के कारण यहां से नित्य दिन लाखो लोगों का आना जाना लगा रहता है, जिसे किसी प्रकार की अनहोनी, हादसा, दुर्घटना आदि होने पर यहां एम्स की तरह हॉस्पिटल होने से काफी सुविधा होगी।
नेताओं ने कहा कि बिहार राज्य का गया इकलौता जिला है जहा सरकार के हज़ारों एकड़ परती जमीन खाली है, इसलिए यहां बड़े, बड़े संस्थान खोलने हेतु जमीन आसानी से उपलब्ध है।