गया बिहार
संवाददाता अशोक शर्मा।
उद्योग विहीन गया जिले में यूपी ए सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2008 में तत्कालीन केंद्रीय इस्पात मंत्री स्व. रामविलास रिवले के कर कमलों द्वारा वजीरगंज प्रखंड के ऐरू ग्राम में शिलान्यास किया गया था, लेकिन बिहार राज्य की नीतीश सरकार द्वारा 2008 से 2013 तक इसके निर्माण कार्य शुरू करने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं दिया गया, तथा इसके लिए लगातार 05 साल तक संघर्ष समिति द्वारा आंदोलन करने पर जब अनापत्ति प्रमाणपत्र मिला, तथा 2014 से लगातार केंद्र की मोदी सरकार की अनदेखी के कारण इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं होने से जिलेवासियों में भयंकर निराशा है।
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, अमर सिंह सिरमौर, साधु शरण सिंह, द्वारिका सिंह, दामोदर गोस्वामी, प्रद्युम्न दुबे, शिव कुमार चौरसिया, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, रंजीत कुमार सिंह, युवा कांग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार, मोहम्मद शमीम आलम, प्रदीप मांझी, राजीव कुमार सिंह खड़ी लबी सिंह, नारायण कुमार सिंह, राम प्रवेश सिंह, सत्येंद्र सिंह आदि ने कहा कि जिले के सभी राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठन एवं आमजन के सहयोग से ऐरू स्टील प्रोसेसिंग प्लांट का निर्माण कराओ संघर्ष समिति के बैनर तले लगातार 15 साल से लगातार ऐरू, वजीरगंज, गया, पटना से दिल्ली तक आंदोलन कर केंद्रीय इस्पात मंत्री को ज्ञापन देने के बाद भी मोदी सरकार के कान पर जू तक नहीं रेंगी।
नेताओं ने कहा कि शिलान्यास के बाद 31 एकड जमीन अधिग्रहित की गई, जिन किसानों से उन्हें मुआवजा की राशि दी गई, मिट्टी की जांच भी प्लांट निर्माण हेतु सही पाए जाने, राज्य सरकार द्वारा 05 साल से अनापत्ति प्रमाण पत्र देने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है।
नेताओं ने कहा कि अभी भी कई बेहतर अवसर बने हैं कि कांग्रेस क्षेत्र के सांसद, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी केंद्र सरकार में लघु उद्योग मंत्री बने हैं, तथा बिहार सरकार में भी दो जिले से दो मंत्री प्रेम कुमार एवं संतोष कुमार सुमन हैं, ऐसी स्थिति में ऐरू स्टील प्रोसेसिंग प्लांट का निर्माण कार्य शुरू नहीं होने वाला है, इन जिले से आने वाले तीन मंत्रियों का लिटमस टेस्ट है।
नेताओं ने कहा कि ऐरू स्टील प्रोसेसिंग प्लांट का निर्माण कार्य शुरू करने के लिए संघर्ष समिति 21 जुलाई 2024 को अधिग्रहित भूमि पर महाधरना का आयोजन करेगी, प्रधानमंत्री, केंद्रीय इस्पात मंत्री, मुख्यमंत्री बिहार के नाम पर विस्तृत ज्ञापन भी दिया जाएगा।