संत विनोबा भावे भूदान आन्दोलन के प्रणेता थे “

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बिहार
पत्रकार- अशोक शर्मा।

महान स्वतंत्रता सेनानी, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, भूदान पुरस्कार के लिए संत विनोबा भावे की जयंती के स्थानीय चौक पर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिमा स्थल स्मारक में शहीद हुए।
प्रथम संत विनोबा भावे के चित्रों को उनकी व्यक्तित्व कृतित्व पर प्रकाश डाला गया।
जयंती कार्यक्रम को प्रदर्शित करते हुए बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो कुमार मिट्ठू, पूर्व नेता मोहम्मद खान अली, जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम राम ओम सिंह, प्रद्युम्न जॉय, निशांत कुमार, रामजी सिंह, मधेशर शर्मा, विनोद उपाध्याय, बाल्मीकि प्रसाद, पिपरी बिहारी सिन्हा, विशाल कुमार आदि ने कहा कि संत विनोबा भावे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रेरणा से पूरे देश में भूदान आंदोलन 1951 में शुरू कर लाखो, लाख भूमिहीनों को जमीन देने का काम किया।
भूदान प्रमाणपत्र को सफल बनाने के लिए विनोबा भावे ने अपने यहां आयोजित मित्रता और ट्रस्टीशिप पर वैज्ञानिक विचार जैसे विचारों का प्रयोग किया था।
नेताओं ने राज्य सरकार से भूदान में भूमिहीनों को मिली जमीन पर अभी भी उनका कब्जा नहीं है, उस पर कब्जे की मांग की है, जो विनोबा भावे की सच्ची श्रद्धांजलि होगी।